प्रभु ही अपना नाम जपने का सामर्थ्य और
सुविधा हमें देते हैं जिससे कि हमारा कल्याण हो सकें । नाम जप में आस्था और नाम
जपने का सामर्थ्य प्रभु की बहुत बड़ी कृपा होती है । यह प्रभु कृपा का ही फल होता
है कि नाम जप में हमारी रूचि होती है नहीं तो आधुनिक लोगों को नाम जप में रूचि ही
नहीं होती । आधुनिक लोग नाम जप को बड़ा छोटा और दुर्बल साधन मानते हैं जो कि उनका
दुर्भाग्य होता है क्योंकि कलियुग में नाम जप से बड़ा और सफल साधन अन्य कोई नहीं है
।
GOD Chanting Personified: Dive into Divine Harmony