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254. क्या हर श्वास में प्रभु का नाम जप होना संभव है ?

जीवन में इतनी भक्ति करनी चाहिए कि हर श्वास में प्रभु का नाम जप होने लगे । कलियुग में जब भक्ति परिपक्व होती है तो प्रभु नाम जप में हमारी दृढ़ आस्था हो जाती है और प्रभु का नाम हमें प्रिय लगने लगता है । फिर नाम की माला छुट जाती है और हर श्वास में प्रभु का नाम जप होने लग जाता है । यह एक बहुत ऊँ‍‍ची अवस्था है जहाँ भक्ति के कारण भक्त पहुँच जाता है ।

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