अंतिम समय में प्रभु का नाम हमारे
मुख से स्वतः ही निकले इसके लिए जीवनभर अभ्यास करना पड़ता है । इसलिए ही बचपन और
जवानी से ही नाम जप करने का अभ्यास करना चाहिए । जो अभ्यास जीवन में होगा वही
अंतिम बेला पर काम आएगा । इसलिए नाम जप को बुढ़ापे के लिए नहीं छोड़ना चाहिए और
युवान अवस्था से ही नाम जप आस्था के साथ करना चाहिए ।
GOD Chanting Personified: Dive into Divine Harmony