प्रभु को कभी दुर्लभ नहीं मानना
चाहिए । प्रभु इतने सुलभ हैं कि आधे नाम पर आ जाते हैं बस कोई भाव से बुलाने वाला
चाहिए । नाम जप की इतनी महिमा है कि भक्तों की रक्षा करने के लिए प्रभु आधे नाम पर
आ जाते हैं । श्री गजेंद्रजी ने हरि नाम से प्रभु को विपत्ति में पुकारा था और “ह”
उच्चारण होने पर प्रभु आ गए और “रि” उच्चारण होने तक प्रभु ने श्री गजेंद्रजी को
विपत्ति से निकाल लिया ।
GOD Chanting Personified: Dive into Divine Harmony