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258. श्रीमद् भगवद् गीताजी में नाम जप के बारे में क्या कहा गया है ?

श्वास-श्वास से प्रभु के नाम की आहुति देकर हमें अपने जीवन को सार्थक करना चाहिए । कलियुग का यज्ञ यही है कि नाम की आहुति दी जाए । प्रभु ने श्रीमद् भगवद् गीताजी में कलियुग में यज्ञों में जप यज्ञ को सबसे बड़ा कहा है । यह प्रभु के श्रीवचन है कि कलियुग में नाम जप सबसे बड़ा यज्ञ है और जीव को निरंतर इस यज्ञ में प्रभु के नाम की आहुति देकर इसे सफल करना चाहिए ।  

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