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260. कलियुग का युग धर्म क्या है ?

प्रभु के नाम का, कथा का और सत्संग का दीपक सदैव अपने जीवन में जलाकर रखना चाहिए । इसे कभी भी जीवन में बुझने नहीं देना चाहिए । इसमें भी नाम जप की कलियुग में प्रधानता होती है क्योंकि कलियुग का साधन ही नाम जप है । कलियुग का युग धर्म भी नाम जप की बात ही करता है क्योंकि इस युग में नाम जप से ही वह सब सुलभ है जो अन्य युगों में अन्य कठिन साधनों से संभव होता था ।

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