प्रभु आज भी आधे नाम पर आते हैं बस कोई श्री गजेंद्रजी की तरह पुकारने वाला चाहिए । प्रभु को बुलाने के लिए प्रभु का पूरा नाम उच्चारण करने की भी आवश्यकता नहीं है । प्रभु अंतर्यामी हैं, सर्वत्र हैं और आधे नाम पर ही हमारा मंगल करने आ जाते है । बस जरूरत है भाव से पुकार की, शरणागति लेकर पुकार की और प्रेम भरी पुकार की ।
GOD Chanting Personified: Dive into Divine Harmony