प्रभु का नाम ही है जो त्रिभुवन में
सभी जगह मंगल करता है । कलियुग में नाम की महिमा इतनी है कि पूरे त्रिभुवन में और
जीव का इहलोक और परलोक दोनों जगह मंगल करने का सामर्थ्य नाम में है । इसलिए ही
प्रभु के नाम को संतों ने “नाम भगवान” कहा है क्योंकि प्रभु ने अपनी समस्त
शक्तियों को अपने नाम में स्थापित कर दिया है ।
GOD Chanting Personified: Dive into Divine Harmony