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271. संत नाम जप के बारे में क्या कहते हैं ?

संत कहते हैं कि प्रभु को अपना बना लेना चाहिए क्योंकि प्रभु के रूप, नाम और गुणानुवाद की मस्ती अलौकिक है । इसमें भी सभी संत एकमत हैं कि प्रभु के नाम जप की महिमा का बखान वे तो कर ही नहीं सकते, यहाँ तक कहा गया है कि नाम की बड़ाई प्रभु भी नहीं कर सकते । प्रभु नाम की महिमा हर युग में रही है पर कलियुग में तो यह असीम है ।

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