जीवन में प्रभु नाम का ही संचय करना चाहिए । हम कलियुग में धन, संपत्ति, कीर्ति का संचय करते हैं जो मृत्यु के बाद यहीं रह जाने वाली है । कलियुग में प्रभु नाम की संपत्ति का संचय करना चाहिए जो इहलोक में भी हमारा मंगल करेगी और मृत्यु के बाद भी परलोक में भी हमारे साथ जाएगी और वहाँ भी हमारा मंगल करेगी । नाम जापक को मृत्यु बेला पर नाम जप के कारण नर्क नहीं जाना पड़ता और वह सीधा प्रभु के श्रीधाम में पहुँच जाता है ।
GOD Chanting Personified: Dive into Divine Harmony