यदि मन का तार सही कसा हुआ हो तो प्रभु नाम की ध्वनि ही मन से निकलती है । जैसे इकतारा सही कसा हुआ हो तो सच्चा सुर ही निकलता है । मन का सुर ही प्रभु का नाम जप है ऐसा शास्त्रों और संतों का मत है । मन की वीणा पर प्रभु का नाम जप ही चलाना चाहिए तभी हमारा मानव जीवन सफल माना जाएगा ।
GOD Chanting Personified: Dive into Divine Harmony