केवल प्रभु नाम का ही आश्रय जीवन में लेना चाहिए । अन्य किसी भी सांसारिक आश्रय का जीवन से बिलकुल भी त्याग होना चाहिए तभी नाम अपना प्रभाव करता है । जब तक हममें अन्य आश्रयों का बल होगा प्रभु से हम दूर ही रहेंगे, जब केवल और केवल प्रभु के नाम का ही आश्रय होगा तभी प्रभु का सानिध्य और प्रभु का रक्षा कवच हमें मिलेगा ।
GOD Chanting Personified: Dive into Divine Harmony