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291. कलियुग के भक्तों ने नाम जप में क्या ऊँचाई प्राप्त की है ?

संत कहते हैं कि भक्त का प्राणायाम यह होता है कि जब वह श्वास लेता है तो उस श्वास के साथ प्रभु नाम लेता है । दूसरा अर्थ यह है कि जब भी प्रभु नाम लेता है तभी वह श्वास लेता है यानी बिना प्रभु नाम के कोई श्वास नहीं लेता । यह एक बहुत ही ऊँ‍‍ची अवस्था है पर आज कलियुग में भी ऐसे भक्त हैं जो यहाँ तक पहुँचे हैं ।

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