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297. कलियुग में सच्चा भाग्यवान कौन है ?

जिसका मन प्रभु के नाम, रूप, सद्गुण का आस्वादन करने में लग गया उसका मन फिर कभी संसार में नहीं लग सकता । यह भक्ति की कसौटी है । भक्ति के अंतर्गत जिसने प्रभु के नाम जप को पकड़ लिया वह सबसे बड़ा भाग्यवान है । कलियुग में भक्ति के अंतर्गत नाम जप की प्रधानता है और इसका प्रतिपादन हर शास्त्र और संत द्वारा किया गया है ।

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