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301. हमारा मंगल और कल्याण कैसे होगा ?

केवल प्रभु के बारे में श्रवण करें । सुनते-सुनते प्रभु के नाम में, रूप में, गुण में आसक्ति हो जाएगी और प्रभु प्राप्ति की लालसा जीवन में जग जाएगी । जब हम सत्संग में प्रभु नाम जप के प्रभाव को सुनते हैं तो हमारी समझ में आता है कि इतना सरल और इतना प्रभावी प्रभु प्राप्ति का साधन कलियुग में दूसरा कोई भी नहीं है । इससे नाम जप में हमारी आस्था दृढ़ होती है जो हमारा मंगल और कल्याण करती है ।

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