प्रभु का नाम भी जीव पर कृपा करता है । इसलिए ही नाम को संतों ने प्रेम से “नाम भगवान” कह कर संबोधित किया है । जो परम सर्वसामर्थ्यवान प्रभु की सामर्थ्य है वही प्रभु के नाम की भी है क्योंकि प्रभु ने अपनी सभी शक्तियों को अपने नाम में स्थापित किया है । जितनी कृपा प्रभु करते हैं उतनी कृपा प्रभु का नाम भी करता है । फिर कलियुग में तो नाम की विशेष महिमा है क्योंकि कलियुग का युग धर्म ही प्रभु का नाम जप है ।
GOD Chanting Personified: Dive into Divine Harmony