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311. नाम जप की संख्या और तन्मयता बढ़ने से क्या होता है ?

प्रभु का नाम जपने से जीव को यह अधिकार प्राप्त हो जाता है कि वह प्रभु का सानिध्य प्राप्त कर सके । नाम नामी प्रभु को हमारे सामने प्रकट करने का सामर्थ्‍य रखता है । कलियुग में जितना नाम जप अधिक होगा उतनी प्रभु की अनुकूलता हमें मिलेगी, प्रभु का सानिध्य हमें मिलेगा और परमानंद हमें मिलेगा । नाम जप की संख्या और तन्मयता जितनी बढ़ती जाएगी प्रभु की अनुभूति उतनी हमें होती जाएगी ।

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