सभी शास्त्रों ने, सभी संतों ने और सभी भक्तों ने एकमत से कलियुग में प्रभु नाम जपने की महिमा गाई है । इससे ही पता चलता है कि नाम जप की महिमा के विषय में कोई मतभेद किसी भी शास्त्र, पंथ, संत और भक्त में नहीं है । सभी ने एकमत से कलियुग में प्रभु नाम जप का प्रतिपादन किया है कि इससे प्रबल साधन कलियुग में और कोई भी नहीं है ।
GOD Chanting Personified: Dive into Divine Harmony