गोस्वामी श्री तुलसीदासजी श्री रामचरितमानसजी में कहते हैं कि वे प्रभु नाम की बड़ाई कहाँ तक करें क्योंकि प्रभु श्री रामजी भी अपने श्रीराम नाम की बड़ाई नहीं गा सकते । प्रभु नाम की इतनी बड़ी महिमा है । दूसरों की बात तो छोड़ दें, शास्त्रों, ऋषियों, संतों और भक्तों की बात भी छोड़ दें यहाँ तक कि प्रभु स्वयं भी अपने नाम की बड़ाई और महिमा का गान नहीं कर सकते । इससे ही पता चलता है कि नाम की महिमा कितनी बड़ी है ।
GOD Chanting Personified: Dive into Divine Harmony