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330. प्रभु के प्रेमियों की चेतना नाम से कैसे जुड़ जाती है ?

प्रभु के नाम का भगवती यशोदा माता पर क्या प्रभाव होता था यह एक दृष्टांत से पता चलता है । जब प्रभु श्री मथुराजी चले गए और प्रभु ने जब श्री उद्धवजी को भेजा तो जब श्री उद्धवजी नंदभवन पहुँचे भगवती यशोदा माता अर्ध चेतना में थी । जब भगवती यशोदा माता के कानों में कोई प्रभु का नाम उच्चारण करता था तो उन्हें चेतना आती थी फिर प्रभु को सामने नहीं देख कर उन्हें मूर्छा आ जाती थी । प्रभु के प्रेमियों को प्रभु का नाम इतना मीठा लगता है कि उनकी चेतना उससे जुड़ जाती है ।

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