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331. प्रभु के प्रेमी नाम जप में कितने आसक्त होते हैं ?

श्रीगोपीजन कहती है कि अगर उनकी जिह्वा प्रभु नाम के अलावा कुछ भी उच्चारण करें तो वे अपनी जिह्वा पर हलाहल विष रख देंगी और अगर उनकी आँखें प्रभु के अलावा कुछ भी देखें तो वे उन आँखों को जला देंगी । प्रभु के स्मरण और जप में प्रभु के प्रेमी इतने आसक्त हो जाते हैं कि अपनी जिह्वा का उपयोग नाम जप के लिए ही करना चाहते हैं, अन्य किसी प्रयोजन के लिए नहीं । यह नाम जप की एक बहुत ऊँ‍‍ची स्थिति होती है ।

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