संत ऐसा भाव प्रभु से निवेदन करते हैं कि उनकी जिह्वा सदैव प्रभु नाम लेने के लिए ललचाती रहे । संत और महात्मा प्रभु से एक ही बात मांगते हैं कि नाम में उनकी आस्था और विश्वास इतनी प्रबल हो कि उनकी जिह्वा सदैव प्रभु के नाम जप में ही लगी रहे और नाम जप के लिए ही लालायित रहे । प्रभु के नाम जप की महिमा संतों और महात्माओं से ज्यादा कोई भी नहीं जानता क्योंकि उन्हें पता होता है कि नाम जप से सब कुछ सुलभ और संभव है ।
GOD Chanting Personified: Dive into Divine Harmony