प्रभु का नाम जहाज स्वरूप है, जो उस पर चढ़ता है वह भवसागर से पार उतर जाता है । जैसे हम जहाज में बैठ जाते है तो हमें कोई परेशानी नहीं होती और जहाज हमें सागर से पार उतर देता है वैसे ही हम प्रभु के नाम जहाज में बैठ जाते हैं तो वह बिना परेशानी के हमें भवसागर से पार उतार देता है । इसलिए ही कलियुग में सभी शास्त्र और संत हमें प्रभु के नाम जप के लिए प्रेरित करते हैं ।
GOD Chanting Personified: Dive into Divine Harmony