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350. हमारे मुख से सदैव क्या होना चाहिए ?

जब प्रभु श्री हनुमानजी लंका जा रहे थे तो उन्होंने प्रभु की मुद्रिका अपने श्रीमुख में रखी तो किसी ने पूछा कि क्या मुद्रिका मुख में रखने की चीज है । प्रभु श्री हनुमानजी ने बहुत मार्मिक उत्तर दिया कि मुद्रिका में जो श्रीराम नाम अंकित है वह नाम तो सदैव मुख में ही रखने योग्य है इसलिए उन्होंने श्रीराम नाम अंकित मुद्रिका को अपने श्रीमुख में ही स्थान दिया है । तात्पर्य यह है कि प्रभु का नाम सदैव हमारे मुख में होना ही चाहिए ।

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